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महात्मा गांधी और अनिल विज का नज़रिया

अग्निपथ
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अनिल विज को शायद हरियाणा के सारे लोग भी न जानते होंगे लेकिन Private TV Channels ने महात्मा ग़ांधी के बारे में विज के दिए बयान को आज सारे दिन लगातार breaking news बना कर उन्हें पूरे देश में कुख्यात/प्रख्यात कर दिया। यदि इस तरह के बयान को breaking news का दर्जा मिलेगा तो नेतागण अनाप – शनाप बयान देना जारी रखेंगे।

महात्मा गांधी ने October–November 1946 में Noakhali riots के बाद मुसलमानों के हक़ में चार महीने वहाँ क़याम किया था लेकिन इसी दरमियान Congress Party ने भारत विभाजन के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और गांघी जी को अपना mission ख़त्म करना पड़ा।

विभाजन के बाद महात्मा गांधी की ज़िद पर भारत ने पाकिस्तान को Rs.(20 + 55 =75) करोड़ रूपये दिए थे जिसे आज तक पाकिस्तान ने वापस नहीं किया। हमारे तत्कालीन नेताओं के आपसी मतभेद का फायदा उठाकर अप्रत्याशित रूप से पाकिस्तान ने भारत पर हमला कर दिया (Indo-Pakistani War of 1947) जो “कश्मीर विवाद” की सूरत में आज भी दरपेश है।

पंडित नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह,मुलायम सिंह,लालू यादव सहित तमाम नेतागण मुसलमानों के हक़ में अपनी आवाज़ बुलंद करते रहे हैं लेकिन मुस्लिम रहनुमा हमेशा यही कहते हैं कि आज़ादी के बाद हमारे लिए हुकूमते – हिंदुस्तान ने कुछ नहीं किया।

इसके विपरीत पाकिस्तान में हिंदुओं की जो हालत है वो किसी से छिपी नहीं है।

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